Jahnavi Sharma

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आई नो... यू नो..! (भाग-1)

होटल मीनाज़

   मुंबई
    
    मुंबई शहर.... जिसे मायानगरी के नाम से जाना जाता है और लोग वहाँ अपने सपनो को पूरा करने आते है। होटल मीनाज़ मुंबई का एक जाना - माना सेवन स्टार होटल था जिसे मीनाज़ के वर्तमान मालिक श्री मनमोहन सिप्पी के दादा जी ने बनवाया था। होटल मिनाज में अक्सर अवार्ड पार्टीज और हाई सोसाइटी फैमिली फंक्शन होते रहते थे। इस होटल की खूबसूरती देखते ही बनती थी। जब भी यहां पर कोई समारोह का आयोजन किया जाता था, तो यहां की इवेंट मैनेजमेंट टीम इसकी खूबसूरती को चार चांद लगा देती थी। आज भी होटल के सेकंड फ्लोर के हॉल को किसी समारोह के लिए सजाया जा रहा था।
    
    "अभी तक प्रिपरेशन कंप्लीट नहीं की तुम लोगों ने? ओ गॉड! रात के 2:00 बज रहे हैं... और यहां का काम अभी तक फिनिश नहीं हुआ। पता है ना कल सुबह 9:00 बजे यहां मिस्टर सिंघानिया के बेटे की इंगेजमेंट सेरेमनी है", इवेंट मैनेजर रॉनी ने अपने टीम को डांटते हुए कहा,"अब जल्दी जल्दी हाथ चलाओ, मुझे यहाँ का डेकोरेशन 1 घंटे में बिल्कुल परफेक्ट चाहिए।"
    
    "लेकिन सर इतनी अर्ली मॉर्निंग में कौन सगाई करता है। मेरी तो इतनी सुबह ठीक से आँख भी नही खुलती।" रॉनी के पास खड़ी उसकी असिस्टेंट समायरा ने उससे पूछा।
    
    "देट मुहूर्त एंड ऑल... " रोनी ने मुंह बनाते हुए कहा..."यह सिंघानियाज का फैमिली फंक्शन है। वो लोग अगर रात के 3:00 बजे भी बोल दे ना, तो सर सब कुछ रेडी करवा देंगे। जानती हो ना, कौन है वह। चलो अब बातें बंद करो और जल्दी-जल्दी टीम से काम फिनिश करवाओ। "
    
    रॉनी की टीम 2 घंटे में हॉल को सगाई समारोह के लिए बिल्कुल दुल्हन सा सजा देती है। हॉल की डेकोरेशन कंप्लीट होने के बाद उसे बंद करवा दिया जाता है, ताकि वहां का कोई स्टाफ मेंबर गलती से भी उस हॉल मे कदम ना रखें। रॉनी नहीं चाहता था कि वहां पर की गई डेकोरेशन में तिल भर का भी अंतर आए।
    
    मीनाज़ के मालिक मिस्टर मनमोहन सिप्पी वैसे तो किसी भी पार्टी या फंक्शन के लिए सब कुछ बिल्कुल परफेक्ट अरेंजमेंट करवाते थे लेकिन मिस्टर राम सिंघानिया उनके लिए बहुत खास थे। राम सिंघानिया उनके बिजनेस पार्टनर होने के साथ-साथ उनके दोस्त भी थे।
    
    सिंघानियाज का मुंबई में बहुत नाम था। जिस सगाई समारोह की इतनी अच्छे से तैयारी की जा रही थी, वह राम सिंघानिया के बड़े बेटे विराट सिंघानिया की सगाई का था, जो कि उन्हीं के बचपन के दोस्त की बेटी पाखी जैन के साथ होने वाली थी। मिस्टर सिंघानिया ने पाखी और विराट की सगाई बचपन में ही तय कर दी थी और वह चाहते थे उनकी सगाई से लेकर शादी तक के सभी फंक्शनस मीनाज़ होटल में बिल्कुल लेविश तरीके से की जाए।
    
    ★★★
    
   अगला दिन...
   सुबह के 8.30 बजे
    
    मुंबई में सिंघानियाज का जिस तरह से नाम था, उसी के हिसाब से यह पार्टी भी बहुत रॉयल रखी गयी थी। एंगेजमेंट सेरेमनी में बहुत सारे लोग शामिल होने को आए थे। बड़ी-बड़ी बिजनेस पर्सनैलिटीज से लेकर कुछ स्टार और यहां तक की मीडिया भी वहां पर मौजूद थी।
    
    राम सिंघानिया का परिवार हमेशा से रीति - रिवाजो और परम्पराओ मे विश्वास रखने वाला था। राम सिंघानिया की मां श्रीमती जानकी देवी पुराने रीति-रिवाजों में विश्वास रखती थी और यही वजह थी कि यह सगाई समारोह इतनी सुबह-सुबह रखा जा रहा था।
    
    "अरे दादी अब तो अंदर जाने दीजिये... एक तो सुबह उठते ही सगाई कौन रखवाता है। ऊपर से आपके शुभ मुहूर्त के चक्कर में सब यहाँ बाहर खड़े है" राम सिंघानिया के छोटे बेटे पूरब ने झुंझलाते हुए कहा।
    
    "सब कुछ तो तुम बच्चे अपने हिसाब से कर रहे हो। लेकिन परम्पराओ के मामले मे मै बिल्कुल भी कोताही नही बरतने दूँगी। अभी 5 मिनट और रुक जाओ... फिर पहले लड़का और लड़की पहला कदम रखेगे... उसके बाद उनके पीछे सभी लोग आएगे", दादी ने कहा।
    
    " लेकिन हमारे लव बर्ड्स है कहाँ अब तक ? " पूरब की छोटी बहन भूमि ने इधर- उधर नजरे दौड़ाई।
    
    सबकी नजरे बस विराट और पाखी को ही ढूंढ रही थी तभी रेड और गोल्डन शेरवानी में विराट, उसी से मैच करते हुए रेड - गोल्डन लहंगे में पाखी, दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़ कर गाड़ी से बाहर निकलते हुए उनकी तरफ बढ़े।
    
    उनके आते ही कुछ रिपोर्टर्स उनकी फोटोज लेने के लिए उनकी तरफ दौड़ने लगे। रिपोर्टर की भीड़ के बीच ही दादी ने उन्हें सीधे हॉल की तरफ आने का इशारा किया। बिना टाइम वेस्ट किए पाखी और विराट हॉल की तरफ बढ़े और दादी के कहे मुताबिक दोनों ने एक साथ पहला कदम अंदर रखा।
    
    "मुझे तो विश्वास नही हो रहा विराट सिंघानिया की सगाई हो रही है। कितना हैंडसम है यार ये। ना जाने कितनी लड़कियाँ मरती है इस पर। देखना तुम... यह एक आइडियल और परफेक्ट हसबैंड बनेगा।"
    
    "ये तो परफेक्ट है, लेकिन इसकी होने वाली पत्नी को देखा? कोई और मिली नही थी क्या? कहाँ विराट गोरा- चिटा, 6 फीट लम्बा हैंडसम सा लड़का और.... और ये लड़की इतनी काली कि रात भी शरमा जाए।"
    
    "अब हम क्या सकते है यार? हम तो बस मीडिया पर्सन है। हमारा काम तो बस न्यूज़ कवर करने जितना ही है। बाज़ी तो ये ऐसी बहनजी टाइप की लड़कियाँ मार जाती है। चलो अब अंदर चलते है। "
    
    बाहर खड़ी कुछ फीमेल रिपोर्टर्स गोसिप कर रहे थे जिसके बाद वो अंदर चले गए।
    
    हॉल के अंदर की सजावट बस देखते ही बनती थी, वो सबका मन मोह रही थी। पूरे हॉल को रॉयल लुक दिया गया था, मानो किसी दूसरी ही दुनिया मे आ गए हो। सिंघानियाज वहाँ की तैयारी से बहुत खुश थे। रिपोर्टर्स पूरी हॉल की सजावट को कवर कर रहे थे, तभी उन सबका ध्यान हॉल के बीचो- बीच लगे एक बड़े से झूमर पर जाता है... जो कि बहुत ज्यादा खूबसूरत था। वो सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था।
    
    वहाँ पहले एक छोटी सी पूजा हुई फिर उसके बाद तय समय के अनुसार फिक्स 9.30 बजे विराट और पाखी एक दूसरे को रिंग पहनाने के लिए झूमर के नीचे खड़े हो गए।
    
    "सर ये झूमर कितना खूबसूरत लग रहा है ना... सब बस इसी की तारीफ किए जा रहे है" समायरा ने खुश होते हुए रॉनी से कहा।
    
    "अरे ये झूमर ही तो है मैन ट्विस्ट.... मैंने ऐसा अरेंजमेंट किया है कि सबके होश उड़ जाएगे" रॉनी ने एक टीम मेंबर को इशारा किया कि जैसे ही पाखी विराट को अंगूठी पहनाए वो झूमर पर लगा शार्प फैन ऑन कर दे।
    
    पाखी और विराट की फैमिली दोनो के आस पास खड़ी थी। भूमि ने मुस्कुराते हुए पाखी की तरफ अंगूठी बढ़ाई। पाखी वो अंगूठी विराट को पहनाने लगी। 
    
    जैसा कि रॉनी ने अपने टीम मेंबर को बोला था, उसी के निर्देशों को मानते हुए टिम मेंबर ने झूमर पर लगा शार्प फैन चालू कर दिया।
    
    "अब देखना तुम मेरा कमाल" रॉनी खुद की तारीफ करते हुए बोला।
    
    मगर जैसे ही झूमर का पंखा चालू हुआ, उन सब के मुंह पर धीरे- धीरे खून के छींटे गिरने लगे। हाॅल में मौजूद हर एक शख्स के चेहरे पर सन्नाटा छा गया। सबकी आंखें फटी की फटी रह गई थी। इसी बीच देखते ही देखते पाखी और विराट का मुंह पूरी तरह से खून से सन्न गया था।
    
   कमशः.....


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4 Comments

Seema Priyadarshini sahay

07-Feb-2022 06:01 PM

बहुत अच्छी कहानी का प्रारंभ

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Karan

28-Dec-2021 03:00 PM

Nice story beginning

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Kahani ki shuruat kafi intresting h , suspence chhod diya aapne ant me, ab dekhna hai kahani age kaun si disha me jati h

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